Description
अनसुना
अनसुने जज़्बात
यह लेख जीवन के उन चरणों को चित्रित करते हैं जिसमें एक महिला को दबा कर रखा जाता है और कैसे हम उसके व्यक्तित्व को उसके जीवन के हर चरण में बाधित करते हैं। यह जानने के बावजूद कि हमारे कार्यों का उसके जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा, हम फिर भी यह करते हैं क्योंकि समाज इसी की अपेक्षा करता है।
लोगों के दिमाग में उनके आस-पास की महिलाओं का एक काल्पनिक रेखाचित्र या एक आदर्श प्रतिमा होती है, और महिलाओं से इसी तरह जीने की उम्मीद की जाती है, यहां तक कि उन्हें इस हद तक सीमाओं में बाँध दिया जाता है कि उन्हें पता ही नहीं होता है कि क्या करें और कैसे करें जिसकी वजह यह पता करने की कश्मकश होती हैं कि किसकी अनुमति लेनी है और किसे खुश करना है।
महिलाओं की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि सभी का अहंकार तुष्ट हो। एक महिला का जीवन उसके खुद के द्वारा नहीं बल्कि दूसरों द्वारा लिखा और निर्देशित किया जाता है। यह सबसे बड़ा संघर्ष है।
यह किताब उन महिलाओं को आवाज देने की कोशिश है, जिनको सुना नहीं जाता, जिन्हें आवाज नहीं दी जाती। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि वे बोलें और अगली पीढ़ी की महिलाओं के साथ बर्ताव करने के तरीके को बदलें।
About the Author
अमरप्रीत ने सितंबर 2010 में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने की एक अनोखी अवधारणा के इर्द-गिर्द एचआर हेल्पडेस्क की स्थापना की थी, जो कार्यालय जाने की पद्धति के परे कैरियर के अवसरों की खोज करने में महिला पेशेवरों की सहायता करती है, जो घर से काम करते हुए भी साधारण बैक ऑफिस के काम जो आमतौर पर घर से काम करने वाली पेशेवर महिलाओं को दिए जाते हैं, के बजाय रणनीतिक स्तर पर योगदान देने में सक्षम हो पाती है।
पिछले कुछ वर्षों में अमरप्रीत ने क्लाइंट के अनुसार नीतियों को बनाने, स्थायी करने और कुशलतापूर्वक संचालित करने के लिए कई भारतीय, जापानी और अमेरिकी ग्राहकों को परामर्श दिया है। वह कार्यस्थल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, और अन्य कारकों जो कार्यबल को उत्पादक होने से रोकते हैं, के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है ।
वर्ष 2010 से अमरप्रीत यह सुनिश्चित करने के अपने अथक कार्य में लगी हुई हैं कि महिलाएं कार्यबल में बनी रहें। यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने हजारों महिलाओं को मुफ्त में इस विषय पर प्रशिक्षण, सलाह, कोचिंग और सहायता प्रदान की है, कि वे अपने कार्यस्थल पर उन चुनौतियों का सामना कैसे कर सकती हैं जो बुनियादी मानवाधिकारों को बाधित करती हैं। उन्होंने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सहायता की है, बल्कि उन्होंने देशभर में ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी भागों की महिलाओं की भी सहायता की है।
समाज पर प्रभाव डालने के कार्य को आकार देने के लिए अमरप्रीत ने वर्ष 2018 में महिलाओं को सशक्त बनाने के कार्य पर केंद्रित एचआर हेल्पडेस्क ट्रस्ट के नाम से एनजीओ का गठन किया।
उनका विश्वास है कि महिलाओं को एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल प्रदान करने की आवश्यकता है ताकि वे ऐसा जीवन जी सकें जिसमें स्वतंत्रता का तत्व हो।
अमरप्रीत कला में स्नातक उपाधि प्राप्त की है और उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से उच्च शिक्षा कैप्सूल किए हैं।
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