Description
ज़िन्दगी के हर पल को जीना ही
सबसे बड़ी सफलता है
यह कहना जितना आसान है
करना उतना ही कठिन
पर मेरा यही मानना है, कि ज़िन्दगी बहीखाता नहीं
हिसाब किताब से दूर एक गणित है
ज़िन्दगी के इन्ही प्रश्नों से जूझते हुए मैंने कुछ रचनाओं
को जन्म दिया है
कोई बड़ा फलसफा नहीं
कुछ हलकी फुलकी सी दिल की बातें
कोई बड़ा सिद्धांत नहीं
बस मन भारी हो जाने पे
कलम से बह जाने वाली पीड़ा
कोई शीरी फरहाद की कुर्बानी जैसा नहीं
पर उम्र के इस पड़ाव पे हर नौजवान द्वारा महसूस किए
जाने वाले प्यार के जज़्बात
पाठकों से एक ही निवेदन है ……………….
तेरी सादगी में ही मेरी जन्नत है
जो तुम संवर के दिखोगे तो अच्छा लगेगा
मेरी कविताएँ रुबाइयाँ ना सही
जो तुम ठहर के पढोगे तो अच्छा लगेगा
About The Author
Born in Gorakhpur and did schooling from Varanasi, Uttar Pradesh
Father is a lawyer and mother is a house-wife.
Graduated from National Institute of Technology, Jamshedpur in 2009
Joined as Graduate Engineer Trainee in 2009 in Tata Hitachi Construction Machinery Limited
Currently working as Manager in Tata Steel
Founded my own NGO ‘Sankalp-A Pledge to Change’ at the age of 23. The NGO has now spread to 3 states of the country and provides free of cost tuition to more than 1000 tribal children through its 13 centres.
Hobbies are Singing, Poetry Writing and Social Work.
Was the President of the Student Union while in college and has deep interest in joining politics in later part of the life.