Description
गाँव, शहर और क़स्बों में संजोये अपने कुछ खट्टे मीठे अनुभवों को, कुछ छुए अनछुए पहलुओं को एक सूत्र में पिरोने का मेरा यह प्रयास, सम्भवतः आपको नया न लगे, पर हम सभी से जुड़ा हुआ अवश्य है। चाहे वे बढ़ती उम्र के साथ विभिन्न परिवेशों में पलने से उपजे अंतर्द्वंद्व हों या फिर रिश्तों की नाज़ुकता को बनाये रखने लिए पीछे खींचे गये कदम अथवा प्रतिदिन हो रहे सामाजिक बदलाओं में सही रास्ता और स्वयं का अस्तित्व तलाशने की छटपटाहट …कहीं न कहीं हम सभी की जिंदगी के कुछ अनसुलझे किस्से जरूर हैं। *मेरेस्वर* आज की इन्ही परिस्थितियों में उपजे मनोभावों की एक काव्यात्मक संकलन है। सोशल मीडिया के इस तेज दौड़ती जिंदगी में, जंहा गूगल, व्हाट्सएप व फेसबुक के पन्नो में समस्त साहित्य पलक झपकते उपलब्ध है..ये रचनायें कुछ पल के लिये आपको, इनसे दूर अवश्य ले जायेंगी..कुछ नए पुराने रिश्तों को जरूर गुदगुदाएंगी।
About the Author
साहित्य शहर प्रयाग के एक छोटे से गाँव मे जन्मे अनिल द्ववेदी को, बचपन से ही हिंदी कविताओं से विशेष लगाव रहा है। इंजीनियरिंग और प्रबंधन में शिक्षा प्राप्त करने के बाद ये विगत डेढ़ दसकों से कॉर्पोरेट प्रोफेशन से जुड़े हुए हैं और इस समय नोयडा में कार्यरत हैं । *मेरेस्वर* इनके अनुभवों एम मानवीय संवेदनाओं की प्रथम संकलन है।
E.mail: anildvd@gmail.com
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