Description
आस
(हिंदी कविता संग्रह)
प्रेम तो है एक निर्मोही दरिया
जिसे सीमाओं में बांधा न जा सके
मिलता है किस्मत से कभी कभी
चाह कर तो कोई इसे पा न सके
प्यार तो है बस एक एहसास
जिसका घर है खुदा के पास
पता नहीं किसी को मिले या न मिले
फिर भी सभी करते इसकी आस
“यदि किसी कविता के शब्द आपके दिलों की गहराइयों में उतर कर उनमें स्पंदन पैदा न कर पायें यानि प्रभावित न कर सकें तो ये शब्द नहीं अपितु सफ़ेद कागज पर छपी काली स्याही की कुछ टेढ़ी-मेढ़ी आकृतियाँ मात्र हैं|”
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