Description
मेरी कलम से ………….
आज के आपा धापी भरे जीवन में इंसान रिश्तों को दर किनार कर एकाकी होता जा रहा है। सहारों एवं प्रेम के अभाव में विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करने का मनोबल भी क्षीण हो रहा है। सुख सुविधाओं के सभी साधन इंसानी जीवन को पूर्णत; सुखी रखने में अक्षम है, यदि रिश्तों को महत्व दिया जाए तो जीवन में जरूर सुख सम्पन्नता और मानसिक सुकून होगा। रिश्तों के कई रंग और जज़्बातों को कलमबद्ध करके इस विश्वास के साथ मैं अपनी कुछ और कविताओं की माला “हृदय के बंधन” पाठकों को समर्पित करती हूँ। आशा करती हूँ की यह माला भी मेरी प्रथम काव्य माला “हृदय के धरातल पर” की तरह पसंद आयेगी।
About the Author
अरिता नन्द इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक है और शौकिया तौर पर कविताएं लिखती रही हैं अब अपनी कविताओं के संग्रह में से कुछ को एक माला में पिरो कर इस आशा के साथ प्रस्तुत किया है की ये एकांकी होते जीवन में रिश्तों के प्रति मीठे एहसास के संचार में मदतगार होगी ।
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