Description
जीवन एक अदभुत अवसर हैं । इंसान को केवल प्रयास मात्र से सफलता हासिल हो सकती हैं । परन्तु जाने अनजाने हम सिर्फ़ अपने मन के क़ैदी बन तमामउम्र पार कर जाते हैं और इस एहसास से एक दम वंचित रह जाते की हम क्या खो रहे हैं । हमें ज़रूरत है जीने की, जिसमें हम ना केवल अपने मन की सुने और करे , बल्कि यह भी जानने की चेष्टा करे की हमारा वातावरण हमें क्या क्या अवसरप्रदान कर रहा हैं । निश्चित रूप से जब हम अपने आस पास के वातावरण और अपने मन में समन्वय बना लेते हैं तो जीवन आसान हो जाता हैं । यह सफ़रबेहद मुश्किल या नामुमकिन नहीं हैं । इसमें सिर्फ़ और सिर्फ़ हमें खुला मन और खुली सोच को चेतन करने की आवश्यकता हैं । दरसल मन हमारा हमारेसाथ बचपन से हैं और हमारे मरण तक साथ रहेगा । किंतु अगर अपने मन को हम जागृत ना करे तो पूरा जीवन बेस्वाद निकल जाता हैं ।
मन को वास्तविक जीवन से जोड़ने के लिए चेतना को जागृत करना हैं । चेतना शुरू होती हैं पहले स्वयं से । मैं कौन हुँ ? मैं कहाँ से आया हुँ ? मुझ से मुझको बनाने वाले की क्या अपेक्षा हैं ? फिर दूसरा वास्तविक पहलू की मैं कहा जनमा हूँ, कौन कौन से अवसर मेरे वातावरण में मेरे सामने दिख रहे हैं औरउनको में कैसे पहल करके उनसे अपने जीवन का मक़सद हासिल कर सकता हुँ ।
इसी सफ़र में जब आप स्वयं से रूबरू होते हैं तो आपको पता चलता हैं की बाहर की दुनिया के अनेको अवसर के साथ साथ आपके मन में भी अनेकोमंज़िल हैं जो हासिल की जा सकती हैं । स्वयं को जानना, स्वयं से मिलना और स्वयं से प्रेम करना बहुत ही अदभुत अवसर हैं । इस श्रंखला में जब आप औरआगे बढ़ते हैं तो आप ख़ुद के मन के ख़यालों और भावो से और अच्छी तरह परिचित होते हैं । यह कविता संग्रह – जिसका नाम मैंने ‘सपनो की आज़ादी’ रखा हैं – उसी स्वयं के परिचय के समय मन से मैं लिख पाया । मैं कितना सफल हुआ, यह तो मालूमनहीं; पर निश्चित ही इस प्रयास से, मेरी ख़ुद से मुलाक़ात हुई है । मैं आप सब का शुक्रगुज़ार हूँ की आपने अपने बहुमूल्य समय में से कुछ पल मेरी इसकिताब को पढ़ने के लिए निकाले हैं । आशा करता हूँ आप निराश नहीं होंगे । आपके सुझाव अथवा आपके मन की बात सुनने का मुझे बेसब्री से इंतज़ाररहेगा । आप मुझे मेरी ईमेल gguptamukesh@gmail.com पर सम्पर्क कर सकते हैं ।
About the Author
श्री मुकेश जी गुप्ता एक शिक्षविद हैं और विकलांगजन एवं उनके पुनर्वास से सम्बंधित कार्य में आप कार्यरत हैं । आपको भारतीय पुनर्वास परिषद, (Rehabilitation Council of India)भारत सरकार द्वारा दिल्ली एवं हरियाणा का ज़ोनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया हैं । आप विज़न दिव्यांग फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष हैं और आप दिव्यांगजन हेतु पाँच केंद्र संचालित करते हैं । आपने नैशनल ऐप्टिटूड टेस्ट को २००४ में देश में स्थापित किया था जो की अब भारत सरकार जल्द ही पूरे देश के लिए लागू करने जा रही हैं । आपको अनेको संस्थाओ एवं महानुभावों से सम्मानित / प्रशस्ति पत्र दिया जा चुका हैं जिसमें प्रमुख हैं भारत रत्न माननिय पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर ए॰पी॰जे॰ अब्दुल कलाम जी, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली । आप को राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से विज्ञान भवन में वर्ष २०१८ में सम्मानित किया गया था । आप अनेको संस्थाओ से जुड़े हुए हैं और ज़मीनी स्तर पर कार्य में विश्वास करते हैं । दिव्यांगजन से आपका विशेष लगाव हैं और पूरे जीवन इनके लिए कार्यरथ रहने के लिए आपका निश्चय हैं ।
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